शिमला में सोमवार को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य के पेंशनरों के लिए एक महत्वपूर्ण राहतभरी घोषणा की। लंबे समय से लंबित पड़े चिकित्सा बिलों के भुगतान को लेकर पेंशनर वर्ग में असंतोष और चिंता का माहौल बना हुआ था। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि प्रदेश सरकार द्वारा सभी पेंशनरों के लंबित चिकित्सा बिलों का भुगतान आगामी एक माह के भीतर पूर्ण रूप से कर दिया जाएगा। यह घोषणा हिमाचल प्रदेश पेंशनर संयुक्त फ्रंट के प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए की गई।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि पेंशनर वे कर्मचारी हैं जिन्होंने अपने सेवा काल में प्रदेश के विकास और सुचारू प्रशासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ऐसे में सेवानिवृत्ति के बाद उनकी आवश्यकताओं और सुविधाओं का ध्यान रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों और पेंशनरों के कल्याण के लिए गंभीरता से कार्य कर रही है और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं।
कर्मचारी सरकार की रीढ़: CM सुक्खू
मुख्यमंत्री ने संबोधन के दौरान कर्मचारियों की भूमिका का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि कर्मचारी किसी भी सरकार और प्रशासनिक व्यवस्था की रीढ़ होते हैं। उनकी निष्ठा, कार्यकुशलता और सेवा भाव के कारण ही प्रदेश की व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित होती है। ऐसे में उनके हितों की रक्षा और मांगों के समाधान को समयबद्ध तरीके से पूरा करना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सामाजिक और पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन करने में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आनी चाहिए, इसलिए पेंशन और चिकित्सा सुविधाओं से जुड़े सभी भुगतान समय पर सुनिश्चित किए जा रहे हैं।
ओपीएस बहाली का जिक्र
सीएम सुक्खू ने पेंशनरों और कर्मचारियों की भलाई के लिए लिए गए महत्त्वपूर्ण फैसलों की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद प्रदेश सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) बहाल की, जिससे लगभग 1 लाख 36 हजार कर्मचारियों को सीधा लाभ प्राप्त हुआ। यह कदम न केवल कर्मचारियों के लिए आर्थिक सुरक्षा का आधार बना, बल्कि उनके लंबे समय से चले आ रहे संघर्षों का समाधान भी हुआ। उन्होंने कहा कि पेंशनरों की विभिन्न मांगों, देनदारियों के भुगतान और चिकित्सा दावों की अदायगी को प्रदेश सरकार प्राथमिकता के साथ कर रही है। सरकार चाहती है कि किसी भी सेवानिवृत्त कर्मचारी को वित्तीय या स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना न करना पड़े।
पूर्व सरकार के कार्यकाल पर निशाना
सीएम ने पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल का उल्लेख करते हुए कहा कि उस दौरान वित्तीय प्रबंधन में लापरवाही और संसाधनों के अनुचित उपयोग के कारण प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर विपरीत प्रभाव पड़ा। इसके परिणामस्वरूप कर्मचारियों और पेंशनरों के भुगतान समय पर नहीं हो सके। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार वित्तीय अनुशासन अपनाते हुए संसाधनों के सृजन पर विशेष ध्यान दे रही है, ताकि भविष्य में किसी भी कर्मचारी या पेंशनर को भुगतान संबंधी दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
पेंशनरों ने जताया आभार
बैठक के दौरान हिमाचल प्रदेश पेंशनर संयुक्त फ्रंट के अध्यक्ष आत्मा राम शर्मा ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया और पेंशनरों की विभिन्न समस्याओं एवं मांगों को उनके समक्ष रखा। उन्होंने उम्मीद जताई कि वर्तमान सरकार आगे भी पेंशनरों के हितों की रक्षा और उनसे जुड़े मुद्दों के समाधान में संवेदनशीलता के साथ कार्य करती रहेगी। मुख्यमंत्री की यह घोषणा न केवल पेंशनरों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है, बल्कि इससे उनके मन में भविष्य को लेकर विश्वास भी बढ़ा है। अब उम्मीद है कि लंबित चिकित्सा बिलों के भुगतान के साथ प्रदेश के पेंशनरों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी और वे बिना किसी परेशानी के अपने दायित्वों को निभा सकेंगे।