साल 2025 भारतीय निवेशकों के लिए एक बेहद असाधारण और विसंगतियों से भरा साल रहा है। यह वर्ष परंपरागत निवेश, विशेषकर कीमती धातुओं, और आधुनिक इक्विटी बाजार के बीच एक दिलचस्प द्वंद्व का गवाह बना। जहाँ एक ओर सोना और, उससे भी बढ़कर, चांदी ने निवेशकों को अविश्वसनीय रिटर्न दिया, वहीं दूसरी ओर भारतीय शेयर बाजार ने कई निराशाओं से गुज़ारा। यह कहानी भारतीय निवेशकों के विश्वास और रणनीति को नया आकार दे रही हैचांदी की अभूतपूर्व छलांग: 107% का बंपर रिटर्न
2025 की सबसे बड़ी निवेश कहानी निस्संदेह चांदी की रही है। यह कीमती धातु साल की शुरुआत में लगभग ₹86,000 से ₹87,000 प्रति किलोग्राम के आसपास थी। दिसंबर की शुरुआत तक, यह कीमत ₹1,80,000 रुपये से भी ऊपर जा चुकी थी।